10 सागरों में भारत ने वृद्धिशील परिवर्तन से आगे बढ़कर प्रभावशाली परिवर्तन तक का सफर देखा है। आज भारत के गवर्नेंस मॉडल, नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म्स पर फोकस किया जा रहा है। हम प्रौद्योगिकी और नवप्रवर्तन और नवीन प्रथाओं के माध्यम से सरकार और जनता के बीच की दूरी समाप्त कर रहे हैं। इसका असर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के साथ-साथ नोएडा में भी दिख रहा है। आपके आकांक्षी जिलों की बार-बार चर्चा होती है, लेकिन आकांक्षी ब्लॉकों की सफलता भी उतनी ही शानदार है। आप जानते हैं, यह प्रोग्राम दो साल पहले जनवरी 2023 में लॉन्च हुआ था। सिर्फ दो साल में इन ब्लॉक्स में जो बदलाव आए हैं, वो विपरीत हैं। इन ब्लॉक्स में स्वास्थ्य, पोषण, सामाजिक विकास और बुनियादी ढांचे के कई संकेतकों में शानदार प्रगति हुई है और राज्य के विकास में कुछ स्थान आगे निकल गए हैं। राजस्थान के टोंक जिले के पीपलू ब्लॉक में, दो साल पहले बालवाड़ी केंद्रों में बच्चों की माप दक्षता, केवल 20 प्रतिशत थी। अब ये 99 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गया है। बिहार के भागलपुर में जगदीशपुर ब्लॉक हैं। वहां, पहली तिमाही में ही गर्भवती महिलाओं का नामांकन पहले सिर्फ 25 प्रतिशत था। अब ये हंगामा 90 फीसदी से ज्यादा हो गया है. जम्मू-कश्मीर के मारवाडा ब्लॉक में संस्थागत प्रसव पहले 30 प्रतिशत था जो कि 100 प्रतिशत हो गया है। झारखंड के गुरडी ब्लॉक में नल से जल का कनेक्शन 18 प्रतिशत से बढ़कर 100 प्रतिशत हो गया है। ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, ये लास्ट-मील डिलीवरी के हमारे संकल्प की सिद्धि को दिखाते हैं, ये दिखाते हैं कि सही इरादा, सही योजना और सही क्रियान्वयन से, दूर-दराज के सिद्धांतों में भी लक्ष्य संभव है।
हमें हर सेक्टर में देखना होगा कि जो लक्ष्य हमने तय किए हैं, क्या उनको पाने के लिए हमारी वर्तमान स्पीड काफी है। अगर नहीं है तो, हमें उसे बढ़ाना है। हमें याद रखना है, आज जो टेक्नॉलॉजी हमारे पास है, वो पहले नहीं थी। हमें टेक्नॉलॉजी की ताकत के साथ आगे बढ़ना है। 10 साल में हमने 4 करोड़ गरीबों के लिए पक्के घर बनाए, लेकिन अभी 3 करोड़ नए घर बनाने का लक्ष्य हमारे सामने है। हमने 5-6 सालों में 12 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण घरों को नल कनेक्शन से जोड़ा है। अब हमें जल्द से जल्द गांव के हर घर को नल कनेक्शन से जोड़ना है। 10 साल में हमने गरीबों के लिए 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए हैं, अब हमें Waste Management से जुड़े नए लक्ष्यों को जल्द से जल्द प्राप्त करना है, कोई सोच भी नहीं सकता था कि करोड़ों गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। अब हमें देश की जनता में न्यूट्रिशन को लेकर नए संकल्पों को सिद्ध करना है। हमारा एक ही लक्ष्य होना चाहिए, 100 परसेंट coverage, 100 परसेंट impact, इसी अप्रोच ने 10 साल में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। यही अप्रोच, भारत को गरीबी से पूरी तरह मुक्त करेगा।
G20 प्रेसीडेंसी भी एक उदाहरण है। 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकें, इतना बड़ा और समावेशी पदचिह्न, G20 के इतिहास में पहली बार हुआ और यही तो समग्र दृष्टिकोण है। जनभागीदारी के अनुमोदन से ये दूसरे देश 10-11 साल आगे हैं। पिछले 11 सालों में हमने डिले सिस्टम को ख़त्म करने की कोशिश की है। हम नई प्रक्रियाएं बना रहे हैं, हम तकनीक के माध्यम से टर्नअराउंड टाइम कम कर रहे हैं। व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने के लिए, हमने 40 हजार से अधिक अनुपालनों को समाप्त किया है, हमने 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को भी अपराधमुक्त किया है। मुझे याद है, जब हम अनुपालन का उल्लंघन करने के लिए काम कर रहे थे, जब व्यापार-कारोबार के दौरान होने वाली कुछ घटनाओं को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जा रहा था, तो मुझे आश्चर्य हुआ कि कुछ कोने में विरोध के स्वर भी उठाए गए थे। कई लोग कहते थे “आज तक नहीं हुआ, तुम क्यों कर रहे हो? चला गया है, चला दो। क्या फर्क पड़ता है? कंप्लायंस करने जाओ, तुम अपना क्यों बढ़ा रहे हो? दूसरी तरफ से चर्चा की गई थी, उत्तर दिया गया था लेकिन जिस लक्ष्य को प्राप्त करना था, उस लक्ष्य का काम इन दबावों से ज्यादा था और क्वेश्चन से पहले नहीं, हम पुराने लक्ष्य के लिए चल पड़े। हम पुरानी योजना बनाएंगे तो हमें नया बनाने में कठिनाई होगी। सोच की वजह से हमारी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। आज दुनिया भारत में निवेश करने के लिए बहुत उत्सुक है, और ये हमारा काम है कि हम अवसर न पाएं, हमें इस अवसर का पूरा लाभ मिलता है। हमारे राज्यों के स्तर पर, जिला और ब्लॉक स्तर पर, लालफीताशाही की हर चीज को खत्म करना है।

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