राजपथ का नाम कर्त्तव्य पथ रखे जाने के बाद राजस्थान की झांकी का यह पहला प्रदर्शन होंगा
नई दिल्ली। राजस्थान की बहुरंगी कला और संस्कृति को अपने आपमें समेटे राजस्थान की झांकी इस वर्ष 26 जनवरी शुक्रवार को 75 वें गणतंत्र दिवस परेड-2024 के लिए तैयार हैं। राजपथ का नाम कर्त्तव्य पथ रखे जाने के बाद कर्त्तव्य पथ पर राजस्थान की झांकी का यह पहला प्रदर्शन है। राजस्थान की यह झांकी तीन वर्षों के बाद कर्तव्य पथ पर निकल रही है। राजस्थान की झांकी अंतिम बार 2020 में निकली थी।
झांकी के नोडल अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव डॉ रजनीश हर्ष ने बताया कि इस झांकी में विकसित भारत में
पधारो म्हारे देश की थीम रखी गई है।
प्रदेश की कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ के मार्गदर्शन में तैयार हुई इस झांकी को मूर्त रूप देने में इसके फेब्रीकेटर प्रबोध कुमार भटनागर, राजस्थान ललित कला अकादमी के प्रदर्शनी अधिकारी विनय शर्मा के साथ ही सांस्कृतिक दल के लीडर राजकुमार जैन, राजेंद्र राव, गिरधारी सिंह आदि का विशेष योगदान रहा। ये झाँकी सुप्रसिद्ध डिजाइनर हरशिव शर्मा के सुपरविजन में तैयार हुई है।
हर्ष ने बताया कि झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में उतरने से पहले नई दिल्ली के परेड रोड पर राष्ट्रीय रंगशाला में इसे अंतिम टच दिया जा रहा है और गणतंत्र दिवस परेड की फूल ड्रेस रिहर्सल के बाद इसमें आवश्यक मामूली फेरबदल कर झांकी को खूबसूरती के साथ सजाया संवारा जा रहा है। झांकी के दोनों हिस्सों में सफेद रंग के दो बड़े हाथियों के साथ ही चारों ओर छोटे छोटे सफेद हाथी की डिजाइंस भी की गई है।
उन्होंने बताया कि इस सुंदर झांकी में राजस्थान के 16 परंपरागत आर्टिस्ट विभिन्न परफॉर्मेंस करेगे। उनमें झांकी के दोनों ओर पांच पांच डांसर म्हारी घूमर छे नखराली…..गौर बंद नखरालों…फ्यूजन लोक संगीत की धुन के साथ नृत्य करते हुए चलेगी। उनके अलावा झांकी के छत पर छह कलाकार रहेंगे। जिनमें कालबेलिया नर्तकियों रेगिस्तान के जहाज उंट पर सवारी करते महिला एवं पुरुष और राजस्थानी वेशभूषा में दो ग्रामीण महिलाएं कठपुतलियों को डांस कराती दिखाई देंगी।
झांकी के अग्र भाग में सजी धजी घूमर नर्तकी के मॉडल के नीचे वाले हिस्से को भीलवाड़ा की फड़ चित्रांकन परंपरा से सजाया गया है। झांकी के गुलाबी रंग के पृष्ठ भाग में उकेरी गई सुंदर राजस्थानी डिजाइनों के साथ ही सफेद रंग केदो बड़े और सैकड़ों छोटे छोटे हाथियों की साज सज्जा भी की गई है । झांकी में अनन्य कृष्ण भक्त मीरा बाई की सुंदर प्रतिमा प्रदर्शित की गई है। इसके अतिरिक्त महिलाओं द्वारा राज्य के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प उद्योगों का संचालन करना और उनके द्वारा निर्मित उत्पादों की सुंदर झलक प्रस्तुत की गई है। झांकी में राजस्थान की उद्यमी महिलाओं को पारंपरिक बंधेज, बगरू प्रिंट, एप्लिक वर्क का कार्य करते हुए भी दर्शाया गया है।
साथ ही झांकी में राजस्थान के स्थापत्य कला का प्रदर्शन भी किया गया है जिसमें सुसज्जित हाथी युक्त विशेष तोरण द्वार, कलात्मक छतरियों और मीनारों आदि को गुलाबी रंग पर सफेद रंग की कूंची से सुंदर ढंग से अलंकृत किया गया है।
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आज सावन का पहला सोमवार है। इस पवित्र दिवस पर एक महत्वपूर्ण सत्र प्रारंभ हो रहा है, और सावन के इस पहले सोमवार की मैं देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।