केंद्रीय आयुष तथा पोत, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज नई दिल्ली में ‘होम्योपैथी: पीपल्स चॉइस फॉर वेलनेस’ पर दो-दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयुष तथा महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. महेंद्रभाई मुंजपारा भी उपस्थित थे। आयुष मंत्रालय के तहत तीन शीर्ष निकाय – केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान संयुक्त रूप से विश्व होम्योपैथी दिवस (डब्ल्यूएचडी) पर इस सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन की जयंती के उपलक्ष्य में विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है।
सभा को संबोधित करते हुए श्री सोनोवाल ने कहा कि आयुष शिक्षा, सेवाकार्य और दवा विकास के क्षेत्रों में एक क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में गठित राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग और राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग ने नई शिक्षा नीति के अनुसार आयुष शिक्षा के साथ तालमेल कायम किया है और नई प्रतिभाओं को इस हद तक आकर्षित कर रहे हैं कि आयुष के साथ-साथ होम्योपैथी भी चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए पहली पसंद बन सकती है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी दवाएं आसानी से ली जा सकती हैं और बड़ी संख्या में लोगों द्वारा स्वीकार्य हैं। श्री सोनोवाल ने कहा कि आम लोगों के बीच होम्योपैथी की स्वीकार्यता अधिक है और लोग कई पीढ़ियों से पारिवारिक चिकित्सकों से इलाज की मांग करते हैं।
इस अवसर पर डॉ. महेंद्रभाई मुंजपारा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि होम्योपैथी विभिन्न बीमारियों के इलाज में बहुत प्रभावी है और कम लागत पर सुरक्षित तौर पर लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करती है।
यह सम्मेलन इसकी अब तक की कार्यप्रणाली, होम्योपैथी के क्षेत्र में उपलब्धियों और होम्योपैथी के विकास के लिए भविष्य की रणनीति की समीक्षा करने का एक अवसर है। होम्योपैथी के प्रमुख हितधारकों के बीच एक संवाद शुरू करने की तत्काल आवश्यकता है जो नैदानिक अनुसंधान सूचना विज्ञान में बहुत आवश्यक व्यवसाय के मानकों, नैदानिक अनुसंधान में डेटा मानकों, नीतिगत मुद्दों, शैक्षिक मानकों और निर्देशात्मक संसाधनों का समाधान करेगा। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से नई-नई खोजों के संदर्भ में, वैश्विक स्वास्थ्य सेवा के वितरण में बदलते प्रतिमान के एक हिस्से के रूप में, नैदानिक सेवा के वितरण और अनुसंधान को एक साथ मिलाकर इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। एकीकृत देखभाल में होम्योपैथी के प्रभावी और कुशल समावेश की दिशा में रणनीतिक कार्यों की पहचान करने तथा प्रस्तावित करने की अत्यधिक आवश्यकता है।
इस सम्मेलन में होम्योपैथी के अनुसंधानकर्ता, अंतःविषय धाराओं के वैज्ञानिक, चिकित्सक, छात्र, उद्योगपति सहित विभिन्न होम्योपैथी संघों के प्रतिनिधि शामिल थे।
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