November 15, 2024

गुरुद्वारों में जाना, सेवा में समय देना, लंगरपाना, सिख परिवारों के घरों पर रहना, ये मेरे जीवन का एक बहुत बड़ा स्वाभाविक हिस्सा रहा है। प्रधानमंत्री

जब मैं किसी विदेश यात्रा पर जाता हूँ, तो वहाँ भी जब सिख समाज के साथियों से मिलता हूँ तो मन गर्व से भर उठता है। 2015 की मेरी कनाडा यात्रा आपमें से कई लोगों को याद होगी! और दलाई जी तो मैं मुख्यमंत्री नहीं था तब से जानता हूं। ये कनाडा के लिए चार दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली standalone bilateral visit  थी और मैं केवल Ottawa और Toronto ही नहीं गया था। मुझे याद है, तब मैंने कहा था कि मैं Vancouver जाऊंगा और मैं वहां जाना चाहता हूँ। मैं वहाँ गया, गुरुद्वारा खालसा दीवान में मुझे माथा टेकने का सौभाग्य मिला। संगत के सदस्यों से अच्छी बातें हुई। इसी तरह, 2016  में जब मैं ईरान गया तो वहाँ भी तेहरान में भाई गंगा सिंह सभा गुरुद्वारा जाने का मुझे सौभाग्य मिला। मेरे जीवन का एक और अविस्मरणीय क्षण फ़्रांस में नवशपैल Indian Memorial की मेरी यात्रा भी है। ये मेमोरियल विश्व युद्ध के समय भारतीय सैनिकों के बलिदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देता है और इनमें भी एक बड़ी संख्या हमारे सिख भाई बहनों की थी। ये अनुभव इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे हमारे सिख समाज ने भारत और दूसरे देशों के रिश्तों की एक मजबूत कड़ी बनने का काम किया है। मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे इस कड़ी को और मजबूत करने का अवसर मिला है और  मैं इसके लिए हर संभव प्रयास भी करता रहता हूँ।

PM at the interaction with the Sikh delegation at 7 Lok Kalyan Marg, in New on April 29, 2022.

हमारे गुरुओं ने हमें साहस और सेवा की सीख दी है। दुनिया के अलग अलग हिस्सों में बिना किसी संसाधन के हमारे भारत के लोग गए, और अपने श्रम से सफलता के मुकाम हासिल किए। यही स्पिरिट आज नए भारत की स्प्रिट बन गयी  है। नया भारत नए आयामों को छू रहा है, पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ रहा है। कोरोना महामारी का ये कालखंड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। महामारी की शुरुआत में पुरानी सोच वाले लोग भारत को लेकर चिंताएं जाहिर कर रहे थे।  हर कोई कुछ न कुछ कहता रहता था। लेकिन, अब लोग भारत का उदाहरण देकर दुनिया को बताते हैं कि देखिये भारत ने ऐसा किया हैं। पहले कहा जा रहा था कि भारत की इतनी बड़ी आबादी, भारत को कहाँ से वैक्सीन मिलेगी, कैसे लोगों का जीवन बचेगा ? लेकिन आज भारत वैक्सीन का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच तैयार करने वाला देश बनकर के आज उभरा है। करोड़ों वैक्सीन डोज़ हमारे देश में लगाई जा चुकी हैं।  आपको भी सुनकर गर्व होगा कि इसमें भी 99 प्रतिशत वैक्सीनेशन हमारी अपनी मेड इन इंडिया वैक्सीन्स से हुआ है। इसी कालखंड में हम दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप ecosystems में से एक बनकर के उभरे हैं। हमारे unicorns की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत का ये बढ़ता हुआ कद, ये बढ़ती हुई साख, इससे सबसे ज्यादा किसी का सिर ऊंचा होता है तो वो हमारे diaspora का है। क्योंकि, जब देश का सम्मान बढ़ता है, तो लाखों करोड़ों भारतीय मूल के लोगों का भी उतना ही सम्मान बढ़ जाता है। उनके प्रति दुनिया का नज़रिया बदल जाता  है। इस सम्मान के साथ नए अवसर भी आते हैं, नयी भागीदारियाँ भी आती हैं और सुरक्षा की भावना भी मजबूत होती है। हमारे diaspora को तो मैं हमेशा भारत का राष्ट्रदूत मानता रहा हूं। सरकार जो भेजती है वो तो राजदूत है। लेकिन आप जो हैं राष्ट्रदूत हैं। आप सभी भारत से बाहर, मां भारती की बुलंद आवाज हैं, बुलंद पहचान हैं। भारत की प्रगति देखकर आपका भी सीना चौड़ा होता है, आपका भी सिर गर्व से ऊंचा होता है। परदेस में रहते हुए आप अपने देश की भी चिंता करते हैं। इसलिए विदेश में रहते हुए भारत की सफलता को आगे बढ़ाने में, भारत की छवि को और मजबूत करने में भी आपकी बहुत बड़ी भूमिका है। हम दनिया में कहीं भी रहें, India first, राष्ट्र प्रथम हमारी पहली आस्था होनी चाहिए।

PM at the interaction with the Sikh delegation at 7 Lok Kalyan Marg, in New on April 29, 2022.

हमारे सभी दस गुरुओं ने राष्ट्र को सबसे ऊपर रखकर भारत को एक सूत्र में पिरोया था। गुरु नानकदेव जी ने पूरे राष्ट्र की चेतना को जगाया था, पूरे राष्ट्र को अंधकार से निकालकर प्रकाश की राह दिखाई थी। हमारे गुरुओं ने पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण पूरे भारत की यात्राएं कीं।  हर कहीं, कहीं पर भी जाइये उनकी निशानियाँ हैं, उनकी प्रेरणाएं हैं, उनके लिए आस्था है। पंजाब में गुरुदवारा हरमंदिर साहिब जी से लेकर उत्तराखंड में गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब तक, महाराष्ट्र में गुरुद्वारा हुजूर साहिब से लेकर हिमाचल में गुरुदावारा पोंटा साहिब तक, बिहार में तख्त श्री पटना साहिब से लेकर गुजरात के कच्छ में गुरुद्वारा लखपत साहिब तक, हमारे गुरुओं ने लोगों को प्रेरणा दी, अपनी चरण रज से इस भूमि को पवित्र किया। इसलिए, सिख परंपरा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की जीवंत परंपरा है।

PM interacts with the Sikh delegation at 7 Lok Kalyan Marg, in New on April 29, 2022.

आज़ादी की लड़ाई में और आज़ादी के बाद भी सिख समाज का देश के लिए जो योगदान है, उसके लिए पूरा भारत कृतज्ञता अनुभव करता है। महाराजा रणजीत सिंह का योगदान हो, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई हो, या जलियाँवाला बाग हो, इनके बिना न भारत का इतिहास पूरा होता है, न हिन्दुस्तान पूरा होता है। आज भी सीमा पर खड़े सिख सैनिकों के शौर्य से लेकर देश की अर्थव्यवस्था में सिख समाज की भागीदारी और सिख NRIs के योगदान तक, सिख समाज देश के साहस, देश का सामर्थ्य और देश के  श्रम का पर्याय बना हुआ है।

साथियों,

आज़ादी का अमृत महोत्सव हमारे स्वतन्त्रता संग्राम के साथ-साथ हमारी संस्कृति और विरासत को celebrate करने का भी अवसर है। क्योंकि, आजादी के लिए भारत का संघर्ष केवल एक सीमित कालखंड की घटना नहीं है। इसके पीछे हजारों सालों की चेतना और आदर्श जुड़ी थी। इसके पीछे आध्यात्मिक मूल्य और कितने ही तप-त्याग जुड़े हुए थे। इसीलिए, आज देश जब एक तरफ आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाता है, तो साथ ही लालकिले पर गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व भी मनाता है। गुरु तेगबहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व के पहले हमने गुरु नानकदेव जी का 550वां प्रकाश पर्व भी पूरी श्रद्धा के साथ देश विदेश में मनाया था।। गुरु गोबिन्द सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व का सौभाग्य भी हमें ही मिला था।

साथियों,

इसके साथ ही, इसी कालखंड में करतारपुर साहिब कॉरिडॉर का निर्माण भी हुआ। आज लाखों श्रद्धालुओं को वहाँ शीश नवाने का सौभाग्य मिल रहा है। लंगर को टैक्स फ्री करने से लेकर, हरमिंदर साहिब को FCRA की अनुमति तक, गुरुद्वारों के आसपास स्वच्छता बढ़ाने से लेकर उन्हें बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने तक, देश आज हर संभव प्रयास कर रहा है और मैं सतनाम जी का आभार वयक्त करता हूं उन्होंने जिस प्रकार से वीडियो को संक्लित करके दिखाया है। पता चल सकता है कि पूरी श्रद्धा के साथ हर क्षेत्र में किस प्रकार से काम हुआ है।  आप लोगों से समय-समय पर जो सुझाव मिलते हैं, आज भी काफी सुझाव मेरे पास आपने दिए हैं।  मेरा प्रयास रहता है कि उनके आधार पर देश सेवा के रास्ते पर आगे बढ़ता रहे।

साथियों,

हमारे गुरुओं के जीवन की जो सबसे बड़ी प्रेरणा है, वो है हमारे कर्तव्यों का बोध !आज़ादी के अमृतकाल में देश भी आज कर्तव्यों को प्राथमिकता देने की बात कर रहा है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ यही मंत्र हम सबको भारत के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करता है। ये कर्तव्य केवल हमारे वर्तमान के लिए नहीं हैं, ये हमारे और हमारे देश के भविष्य के लिए भी हैं। ये हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी हैं। उदाहरण के तौर पर, आज पर्यावरण देश और दुनिया के सामने एक बड़ा संकट है। इसका समाधान भारत की संस्कृति और संस्कारों में है। सिख समाज इसका जीता जागता उदाहरण है।सिख समाज में हम जितनी चिंता पिंड की करते हैं, उतनी ही पर्यावरण और planet की भी करते हैं। प्रदूषण के खिलाफ़ प्रयास हों, कुपोषण से लड़ाई हो, या अपने सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा हो, आप सभी इस तरह के हर प्रयास से जुड़े नज़र आते हैं। इसी श्रंखला में मेरा आपसे एक आग्रह भी और है। आप जानते हैं कि अमृत महोत्सव में देश न देश के सभी जिलों में यानि हर जिले में 75 अमृत सरोवर का संकल्प लिया है। आप भी अपने पिंडों में अमृत सरोवरों के निर्माण का अभियान चला सकते हैं।

साथियों,

हमारे गुरुओं ने हमें आत्मसम्मान और मानव जीवन के गौरव का जो पाठ पढ़ाया, उसका भी प्रभाव हमें हर सिख के जीवन में दिखता है। आजादी के अमृतकाल में यही आज यही देश का भी संकल्प है। हमें आत्मनिर्भर बनना है, गरीब से गरीब व्यक्ति का जीवन बेहतर करना है। इन सब प्रयासों में आप सभी की सक्रिय भागीदारी होना और आप सबका सक्रिय योगदान बहुत अनिवार्य और आवश्यक है। मुझे पूरा भरोसा है, गुरुओं के आशीर्वाद से हम सफल होंगे और जल्द एक नये भारत के लक्ष्य तक पहुंचेंगे। इसी संकल्प के साथ, आप सभी को मैा बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। आपका यहां आना वो मेरे लिए संगत से भी बहुत ज्यादा है। और इसलिए आपकी कृपा बनी रहें और मैं हमेशा कहता हूं ये प्रधानमंत्री निवास स्थान ये मोदी का घर नहीं है। ये आपका अधिकार क्षेत्र है ये आपका है। इसी भाव से इसी अपनेपन से हमेशा हमेशा हम मिलकर के मा भारती के लिए, हमारे देश के गरीबों के लिए, हमारे देश के हर समाज के उत्थान के लिए हम अपना कार्य करते रहें। गुरुओं के आर्शीवाद हम पर बने रहें। इसी एक भावना के साथ मैं फिर एक बार आप सबका धन्यवाद करता हूं। वाहे गुरु का खालसा। वाहे गुरु की फतह।